इन 5 स्टार किड्स ने सबके सामने किया कबूल – हमें मिल रहा है नेपोटिस्म का फायदा !

फ़िल्म इंडस्ट्री में चाहे नेपोटिज्म हो या टैलेंट, स्टार किड्स पहले भी आते रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे. चाहे इनकी कितनी भी आलोचना हो जाए, लेकिन हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री, साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री हो या हॉलीवुड ही क्यों न हो, स्टार किड्स एक ऐसी सच्चाई की तरह हैं, जिन्हें आउटसाइडर्स के साथ ही फैंस और दर्शकों को भी फेस करना पड़ेगा. सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद नेपोटिज्म और बॉलीवुड के इनसाइडर-आउटसाइडर को लेकर लंबी बहस चली. इसके बाद आलिया भट्ट, सोनम कपूर, सोनाक्षी सिन्हा समेत स्थापित स्टार किड्स को एक-एक कर फैंस ने घेरा और इन स्टार्स की खूब ट्रोलिंग हुई. लेकिन इससे कुछ बदलेगा नहीं, क्योंकि स्टार किड्स को फ़िल्मों में आने से कोई नहीं रोक सकता. रोकना भी नहीं चाहिए, क्योंकि ये पसंद और मौके की बात है. जैसे इंजीनियर, डॉक्टर और सरकारी बाबू कोशिश में रहते हैं कि उनका बच्चा भी उनका फील्ड ही चुने, उसी तरह बड़े स्टार्स या उनके बच्चे भी इस कोशिश में रहते हैं कि अगर उन्हें फ़िल्म इंडस्ट्री में काम मिल जाए तो क्या बात होगी. और अगर उनमें टैलेंट है तो फिर सोने पर सुहागा |

कुछ सेलेब्रिटी किड्स को लगता है कि भतीजे-बच्चे कहलाने के डर ने उन्हें मानसिक रूप से पीड़ित किया है।

इसी के चलते एक अच्छा कलाकार होने के बावजूद इंडस्ट्री छोड़ देते हैं। हालांकि नेपोटिस्म पर बहस चलती रहती है।

कुछ सेलिब्रिटी बच्चों ने काफी बहादुरी से इंडस्ट्री के नेपोटिस्म को स्वीकार किया है और इसके फायदे के बारे में बात की है।

तो आज हम आपको नेपोटिस्म को लेकर पांच स्टार किड्स के बारे में बताने जा रहे है।

1. आलिया भट्ट

आलिया भट्ट ने भी नेपोटिस्म को लेकर एक समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू ,में कहा की, “परिवार से मेरे संबंध ने मेरे लिए चीजों को आसान बना दिया है। नेपोटिस्म मौजूद है। यह बॉलीवुड, बिजनेस इंडस्ट्री और स्कूलों में दाखिले के दौरान भी मौजूद है।” इसलिए उन्होंने स्वीकार किया कि उनका संघर्ष बाहरी लोगों की तुलना में बहुत कम था।

2. सारा अली खान

सारा अली खान- सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी ने हमेशा उन लाभों के बारे में बात की है जो वह एक स्टार किड होने के नाते इंडस्ट्री में एन्जॉय कर रही है। एक इंटरव्यू में नेपोटिस्म के फायदे के बारे में बात करते हुए, सारा ने एक बार कहा था, “मैं निश्चित रूप से मानती हूं कि इंडस्ट्री में लोगों को जानने से मदद मिलती है। यह एक सच्चाई है जिससे मैं भाग नहीं सकती हूं। नेपोटिस्म का सबसे बड़ा फायदा यह है कि लोगों तक हमारी पहुंच आसान है। मैं बिना कोई फिल्म किए करण जौहर को कॉल कर सकती हूं। मैं रोहित शेट्टी के ऑफिस जा सकती हूं।

3. अलाया फर्नीचरवाला

अभिनेत्री पूजा बेदी की बेटी अलाया फर्नीचरवाला ने मिड डे इंडिया को दिए इंटरव्यू में नेपोटिस्म को लेकर कहा, “मुझे लगता है कि इसके बारे में बात करना बहुत जरुरी है। हमारे स्ट्रगल में भी हमें फायदा मिलता है। मुझे पता है। मैं किसी को कॉल कर सकटी हूं, मुझे पता है कि कल मेरी एक और मीटिंग और ऑडिशन होगा। जबकि एक छोटे शहर से आया कोई व्यक्ति पूरे दिन काम कर रहा है और ऑडिशन दे रहा है, बिना परिवार या किसी समर्थन के पीजी में रह रहा है। वह स्ट्रगल काफी बड़ा है और मुझे लगता है कि हमें इसे स्वीकार करने की आवश्यकता है।

4. जान्हवी कपूर

दिग्गज दिवगंत अभिनेत्री श्री देवी और निर्माता बोनी कपूर की बेटी ने भी नेपोटिस्म के मुद्दे को लेकर अपनी बात रखी रही है। उनका कहना है कि “मैं इसे (अभिनय) करने के लिए बहुत भाग्यशाली हूं और ऐसा करने का कोई दूसरा तरीका नहीं है। मेरे परिवार का फिल्मी बैकग्राउंड है इसलिए मुझे मौके आसानी से मिल जाते है। जान्हवी ने आगे कहा, “मेरी मां और मेरे परिवार काफी समय से (दर्शकों को) दर्शकों का मनोरंजन करते हुए आ रहे है। दर्शकों ने मेरी माँ, पिताजी और सभी को इतना प्यार दिया है। ईमानदारी से कहूं तो मैं जो जिंदगी जी रहा हूं और जो मौके मुझे मिल रहे हैं वह सब इन्हीं लोगों के प्यार की वजह से है।”

5. श्रुति हासन

श्रुति हासन ने एक बार द क्विंट को दिए इंटरव्यू में बड़ी बेबाकी से कहा था, “मुझे लगता है कि मेरे सरनेम के कारण लोगों के लिए मुझमें दिलचस्पी लेना बहुत आसान है। मैं अपनी उंगलियों पर उन फिल्मों को गिन सकती हूं जहां मुझे दर्शकों से काफी प्यार मिला। उन्होंने स्वीकार किया कि कमल हासन की बेटी होने से उन्हें अपने अभिनय करियर में काफी फायदा हुआ है।

Published
Categorized as News

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *