खुद को देहरादून का SDM बताकर ठ”गा कई लोगों को ..

केंद्र की मदद से उत्तराखंड का चारधाम रेल परियोजना से जुड़ने जा रहा है। परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। पहाड़ों को रेल भेजने की प्रक्रिया में लगी केंद्र सरकार की मदद से जल्द ही बद्रीनाथ-केदारनाथ में रेल लाइन बिछाई जाएगी। परियोजना की डीपीआर यानी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार है। डीपीआर रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है। परियोजना पर 44 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। बद्रीनाथ-केदारनाथ रेलवे लाइन के अलावा, गंगोत्री-यमुनोत्री रेलवे लाइन परियोजना पर भी काम चल रहा है। आइए अब हम आपको परियोजनाओं के बारे में मुख्य बातें बताते हैं।
ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के दून से सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दून के एक बड़े आरोपी को पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस ने सोमवार को एक आरोपी को खुद को एसडीएम बताकर लोगों को ठगने का आरोप लगाया। आरोप है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए युवक खुद को एसडीएम बताते हुए लोगों को फंसाते थे और उनसे पैसे ऐंठते थे। आरोप है कि युवक ने फर्जी एसडीएम के रूप में देहरादून के एक व्यक्ति से 15 लाख रुपये हड़प लिए। वहीं, युवक का आरोपी ड्राइवर अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपी अश्विनी कुमार श्रीवास्तव इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक है। अश्विनी ने पुलिस को बताया कि उसने 1991 में यूपी मेन्स की परीक्षा दी थी, लेकिन इस पर विश्वास करना मुश्किल है। आइए आपको बताते हैं कि आरोपी युवक पुलिस के पास कैसे गया।


अनुसार 2 दिन पहले देहरादून के सौरभ बहुगुणा ने अश्विनी कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी थी। सौरभ बहुगुणा ने पुलिस को बताया कि अश्वनी ने खुद को एसडीएम बताकर उनको जमीन दिलाने के नाम पर उनसे 15 लाख रुपए की ठगी कर ली है, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत ही इस मामले में एक्शन लिया और एसपी सिटी श्वेता चौबे की निगरानी में प्रेम नगर पुलिस और एसओजी ने मिलकर आरोपी को बीते सोमवार को सुद्धोवाला से पकड़ लिया। आरोपी अश्विनी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने कबूला कि उसने उसके साथी पंकज के साथ नकली एसडीएम बनने का खेल रचा और भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाया। सौरव बहुगुणा ने बताया कि उनका जमीनी विवाद चल रहा था जिसके बाद अश्विनी के ड्राइवर ने सौरभ से कहा कि वह एसडीएम अश्वनी का ड्राइवर है और वे इस काम में उनकी मदद कर सकते हैं। इसके बाद पंकज ने सौरव बहुगुणा की मुलाकात अश्विनी से कराई और अश्विनी ने पूरी बात 20 लाख रुपए में तय की। इसके बाद सौरभ बहुगुणा ने 15 लाख रुपए अश्विनी और पंकज को दे दिए जिसमें से अश्विनी ने अपने पास 5 लाख रुपए रखे और 10 लाख रुपए पंकज शर्मा को दे दिए।
अश्विनी को एसडीएम समझकर 15 लाख रुपए देने के बाद जल्द ही सौरभ बहुगुणा को अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी के बारे में भनक लग गई जिसके बाद बिना देरी किए उसने पुलिस में शरण ली। इस पूरे मामले का पता लगते ही पुलिस ने बिना देरी किए तुरंत एक्शन दिया और पुलिस ने आखिरकार आरोपी अश्विनी कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से 2 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं। साथ ही एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन आदि भी बरामद हुआ है। दूसरा आरोपी पंकज शर्मा जो कि फर्जी एसडीएम का फर्जी ड्राइवर बंद कर लोगों से झूठ बोलकर ऐंठता था, अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है और पुलिस उसकी खोजबीन में जुट गई है। इन दोनों के साथ अक्सर एक लेखपाल भी रहता है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस फर्जी एसडीएम अश्विनी के फर्जी ड्राइवर पंकज कुमार और लेखपाल को ढूंढने में जुट गई है। एसएसपी ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है।।इस पूरे स्कैम में और कितने लोग जुड़े हैं इस बारे में भी तलाश की जा रही है। पुलिस और लोगों से भी संपर्क साधने का प्रयास कर रही है जिनसे इन लोगों ने नकली एसडीएम बनकर धोखाधड़ी से पैसे हड़पे थे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *