दोस्तों आजकल हर कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है और इसी बीच सोशल मीडिया पर अजनबी भी दोस्त बन जाते हैं. साथ में व्यस्त रहते हैं जिससे रिश्तेदारों से रिश्ते खराब हो जाते हैं और अजनबी करीब आ जाते हैं. लेकिन कभी-कभी ऐसी दोस्ती परेशानी का कारण बन जाती है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं. ऐसे ही एक मामले के बारे में जिसमें महिला सिपाही पूरा मामला जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़ें।
फेसबुक के माध्यम से प्रतापगढ़ के तहसीलदार से घनिष्ठ संबंध थे। ब्याज की शादी के दबाव से परेशान होकर आरोपी ने हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने रुचि की पहचान के बाद उसके फोन की कॉल डिटेल जारी की थी। पुलिस मुख्यालय में तैनात महिला आरक्षक रुचि चौधरी की मौत हो गयी. रुचि की हत्या उसके परिचित तहसीलदार ने की थी। आरोपी तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव प्रतापगढ़ के रानीगंज में पदस्थापित हैं। पीजीआई पुलिस ने आरोपी को उसकी पत्नी प्रगति और साथी नामवर सिंह के साथ गिरफ्तार किया है। पद्मेश की पत्नी को घटना की पूरी जानकारी थी। पूछताछ में पता चला है कि 12 फरवरी की रात पद्मेश और नामवर सिंह ने रुचि को नशीला पदार्थ खिलाकर गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को नाले में फेंक कर प्रतापगढ़ लौट गए।
रुचि और पद्मेश फेसबुक के जरिए संपर्क में आए। धीरे-धीरे दोनों बातें करने के साथ-साथ फोन पर बात करने लगे। कुछ दिनों बाद दोनों की मुलाकात भी हुई और वे करीब आ गए। रुचि का पति अंकित गुप्ता से विवाद चल रहा था। अंकित भी सिपाही है और बरेली का रहने वाला है, जिसकी तैनाती प्रयागराज में है। अंकित ब्याज सहित तलाक लेने वाला था। इधर, रुचि और पद्मेश के बीच नजदीकियां बढ़ने के बाद रुचि ने पद्मेश पर शादी करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। दबाव बढ़ने पर पद्मेश ने रुचि से कहा कि वह शादीशुदा है। तभी से दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया था। रुचि किसी भी हाल में पद्मेश से शादी करना चाहती थी। अक्सर दोनों के बीच फोन पर कहासुनी हो जाती थी।
प्रगति का फोन पर हुआ था झगड़ा:
इधर, पद्मेश ने सारी बात अपनी पत्नी प्रगति को बता दी थी। बार-बार फोन करने से पद्मेश परेशान हो गया और उसकी पत्नी भी बहस करने लगी। घटना से कुछ दिन पहले रुचि ने पद्मेश को फोन किया था, जिसे प्रगति ने उठा लिया। प्रगति ने दिलचस्पी के साथ बात की। इस दौरान दोनों के बीच फोन पर तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद पद्मेश ने रुचि को मारने की साजिश रची। इसके लिए उसने अपने परिचित नामवर सिंह को साजिश में शामिल किया।
मिलने और हत्या करने के लिए बुलाया था:
षडयंत्र के तहत पद्मेश ने रुचि को उससे मिलने के लिए बुलाया था। रुचि अर्जुनगंज में किराए के कमरे में रहती थी। पद्मेश के बुलाने पर रुचि पीजीआई अस्पताल के सामने कैब से पहुंच गई। पद्मेश और नामवर कार से उसका इंतजार कर रहे थे। आरोपी ने रुचि की कार में बैठकर उसे नशीला पदार्थ मिला हुआ खाना दिया था। कुछ देर बाद रुचि बेहोश हो गई। इसके बाद आरोपी ने उसकी श्वासनली दबा कर उसकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद 12 फरवरी की रात कल्ली स्थित माटी में शव को नाले में फेंक कर फरार हो गए.
काल डिटेल ने खोले राज:
शव की शिनाख्त के बाद पुलिस ने रुचि के फोन की कॉल डिटेल जारी की थी। जांच में पता चला कि रुचि ने आखिरी बार पद्मेश से फोन पर बात की थी। इसके बाद पुलिस की टीम प्रतापगढ़ पहुंची और आरोपी को उसकी पत्नी व साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया. रुचि ने अंकित के साथ साल 2019 में लव मैरिज की थी। रुचि के बड़े भाई अंकित ने बताया कि उसकी बहन ने उसकी भाभी से फोन पर बात की थी। कुछ देर बाद फोन स्विच ऑफ हो गया। अगले दिन परिवार के सदस्यों ने रुचि के साथ काम करने वाली महिला सिपाही को बुलाया और उसके बारे में पूछा। सूचना के अभाव में महिला आरक्षक ने इंटरनेट मीडिया पर रुचि के लापता होने को लेकर एक पोस्ट किया था, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई की. गौरतलब है कि गुरुवार शाम एक अज्ञात महिला का शव नाले में मिला, जिसकी पहचान शनिवार को रुचि के रूप में हुई.