बेटियों को अगर उड़ने दिया जाए तो अपना आसमान वो खुद ढ़ूंढ लेती है। अपने हौसले और हिम्मत के दम पर एक बार फिर उत्तराखंड की बेटी ने प्रदेश का नाम रोशन किया है । एक छोटे से गांव से निकलकर अब वह दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी है। महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और मिडफील्डर खिलाड़ी वंदना कटारिया अपने ओलंपिक के सपने को पूरा करने में जुट गई है। वंदना का चयन टोक्यो ओलिम्पिक के लिए हुआ है। वंदना का चयन होने के बाद उनके गांव में जश्न का माहौल है।
बता दें कि हरिद्वार के छोटे से गांव रोशनाबाद की रहने वाली वंदना दुनियाभर में प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। उन्होंने 2006 में पहली बार जूनियर अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्पर्धा में भाग लिया। वंदना को 2010 में सीनियर राष्ट्रीय टीम में चुना गया। जिसके बाद वह नित नए आयाम बनाती चली गई। वंदना को 2021 में अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया गया। अब वह टोक्यो ओलंपिक में खेलने जा रही है। उनका सफर काफी संघर्षभरा रहा है। वंदना ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर आज ये मुकाम हासिल किया है। वंदना बचपन से ही कड़ी मेहनत और लगन से अपने खेल पर ध्यान देती थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए गांव वालों ने और प्रशासन ने उन्हें हाॅकी और खेल का सामान दिया। जिससे वह निरन्तर अभ्यास करती रहीं। नतीजा यह हुआ कि वह दिन-रात आगे बढ़ती रही। अब उनका एकमात्र लक्ष्य ओलंपिक में मेडल लाना है।
बता दें कि वंदना ने अपने पिता का सपना पूरा किया है। उनकी दो माह पूर्व ही मृत्यु हुई है। वंदना को हॉकी के लिए उनके पिता ने ही प्रेरित किया था। लेकिन बेटी की कामयाबी देखने से पहले ही पिता इस दुनिया से चल बसे.. पर वंदना ने हिम्मत नहीं हारी वह अपने पिता के सपने को पूरा करने में जी जान से जुट गई और आज उन्होंने ये मुकाम हासिल कर लिया है। वंदना के एक बड़े भाई और माता है। उन्होंने टोक्यो रवाना होने से पहले अपने घर बात की है और मेडल जीत के लाने का वादा किया है। बेटी की इस कामयाबी से न सिर्फ उनका परिवार बल्कि पूरे गांव और प्रदेश में खुशी की लहर है।