उत्तराखंड का कॉर्बेट नेशनल पार्क दुनिया के शीर्ष 25 नेशनल पार्कों में दूसरे स्थान पर आता है। यहां बाघो का संरक्षण किया जाता है।बाघ के शिकार करने के खबरे आपने बहुत सुनी होगी लेकिन क्या आप जानते है कि कई बार बाघ खुद शिकार बन जाते हैं वो भी अपने से कमजोर और छोटे जानवरों से .. आपको जानकर हैरानी होगी की सांप के काटने और सेही से हमले से कॉर्बेट नेशनल पार्क में तीन बाघ मौत को गले लगा चुके है।
रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में पिछले 10 साल में सेही और सांप के हमले में 3 बाघों की मौत हो चुकी है। बता दें कि, 2011 में सेही के हमले में एक नर बाघ की मौत हो गई थी। जबकि 2017 में भी सेही के हमले में एक मादा बाघ की और 2016 में सांप के काटने से एक नर बाघ की मौत हो गई थी। दो बाघों की मौत सेही के नुकीले कांटों से होने की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुई थी।
आपको बता दें कि बाघ का सामना होने पर सेही अधिकतर हमलावर हो जाती है. सेही के नुकीले कांटे बाघ के गले और चेस्ट में चुभ जाते हैं। जब बाघ मूवमेंट करता है, तो यह कांटे उसके शरीर के भीतर तक घुस जाते हैं। ऐसे में बाघ घायल होता है और फिर उसकी मौत हो जाती है। लेकिन कई बार ये काटे खुद निकल भी जाते है। वहीं बात अगर सांप की करे तो आपको बता दें कि सांप के काटने से जहर के कारण भी बाघ की मौत हो जाती है गौरतलब है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत के बाद उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का विश्लेषण किया जाता है। जिससे बाघों की मौत की वजह का खुलासा हुआ है।